
परहित सरिस धरम नहिं भाई ।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।
हे देवपुरुष शत कोटि नमन, आप पर गर्वित हैं धरा-गगन। समाज को ही अपना आराध्य मानकर आजीवन उसकी आराधना में तल्लीन रहे, ऐसे कैलाशवासी परम श्रद्धेय स्व.श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी की 80वीं जन्म जयंती पर छत्री पहुंच कर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित कर उनको कोटि कोटि नमन किया। कैलाशवासी श्रद्धेय महाराज साहब सही मायनों में मध्यप्रदेश के गौरव थे। प्रदेश के हित में अहर्निश मननशील रहना और अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए निरन्तर कार्य करना उनका स्वाभाविक गुण था। हम सभी अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे महान वटवृक्ष की छांव में कर्तव्यनिष्ठा की बारहखड़ी और राजनीति का ककहरा सीखने का अवसर मिला।