परहित सरिस धरम नहिं भाई ।पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।
गांव में बहन की शादी है मोहन सिंह राठौड़ जी को जरूर आना है अगर कहीं बाहर हूं तो अनिल भैया जरूर आप पहुंचे मैं बहुत पुराना कार्यकर्ता हूं मैं आपके लिए बहुत काम किया है
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