
परहित सरिस धरम नहिं भाई ।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।
हमारे गांव का श्मशान घाट नदी लेवल से ज्यादा ऊंचा नहीं है इस कारण आए दिन उसमें पानी आ जाता है जब बरसात के टाइम किसी की मृत्यु हो जाती है तो अंतिम संस्कार में काफी परेशानियां आती है नदी का इंतजार करना पड़ता है कब पानी कम हो जब जाकर अंतिम संस्कार किया जाता है अगर शमशान घाट में 4 फुट मिट्टी का भराव होकर बाउंड्री का निर्माण और चबूतरो का निर्माण कर हो जाए तो लोगों की समस्या का निवारण हो जा
Sign up to create your account.